Kanpur : मंदिरों को गंगाजल से शुद्धिकरण के बाद भक्तों के लिए खोल दिया गया

कानपुर

Kanpur : मंगलवार को पडे साल के आखिरी चन्दग्रहण के समाप्ति के बाद मंदिरों को गंगाजल से शुद्धिकरण के बाद भक्तों के लिए खोल दिया गया। शाम 7 बजे के आसपास सूतक काल के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर भगवान का पूजन-अर्चन किया तो वहीं सुबह सूतक काल शुरु होने से पहले भक्तों ने कार्तिक पूर्णिमा की उदयातिथि पर भोर पहर तुलसी पूजन भी किया। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों की गंगा जल से धुलाई शुरू की गई। इसके बाद मंदिरों में आरती शुरू की गई। भक्तों को भी भगवान के दर्शन आरती के बाद ही मिल सके।
मंगलवार को चंद्रग्रहण के चलते सुबह 9.32 बजे से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी थी।

मंगलवार को उदयातिथि में कार्तिक पूर्णिमा का पूजन करने वाले भक्तों ने सूतक काल से पहले तुलसी पूजन किया। ग्रहण काल में मंदिरों के पट बंद कर दिए गए हैं। सूतक काल समाप्ति के बाद मंदिरों की गंगा जल से धुलाई के बाद पट खोले गए। मंगलवार को चंद्रग्रहण के चलते बाबा आनंदेश्वर मंदिर के मंदिर सूतक काल शुरू होने से पहले बंद कर दिए गए थे। भोर पहर चार बजे जूना अखाड़ा के संतों ने मंदिर में महादेव का विधिवत पूजन अर्चन कर शृंगार किया। मंदिरों में बड़ी संख्या में दर्शन के लिए भक्त पहुंचते रहे।

ग्रहण समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद महादेव के दर्शन कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। नगर के शिवाला मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, इस्कान मंदिर, तपेश्वरी देवी मंदिर, बारा देवी मंदिर, पनकी मंदिर, जंगली देवी मंदिर में भक्तों दर्शन किए और नौ बजे के बाद सूतक काल से पहले मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे।