चिंताजनक : एंटीजेन की जांच हो रही फेल, आरटीपीसीआर में ही पता चल रहा कोविड का संक्रमण

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नई दिल्ली/सेंट्रल डेस्क। इस बार कोरोना ने अपने डीएनए में कुछ ऐसा बदलाव किया है कि वह जल्दी से एंटीजन जांच से भी बच निकलता है। ऐसे तमाम मामले हैं जिनमें जब एंटीजन जांच करवाई गई तो उसमे कुछ नहीं निकला जबकि आरटीपीसीआर जांच में कोरोना की पुष्टि हो गई। कानपुर में ही तमाम ऐसे केस सामने आए हैं।

बीते 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में कोरोना के 218 नये मामले सामने आये हैं। वहीं अगर पूरे भारत को देखा जाए तो 3377 नये कोरोना के पेशेंट मिले हैं। कुल सक्रिय मामलों की संख्या 17801 पर पहुंच गई है।

इस बार कोरोना पिछले 24 घंटों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में खास असर नहीं दिखा रहा है। एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा के साथ गुजरात तक में इसके नए वैरियंट का पता नहीं चल रहा है। पर दिल्ली और यूपी के गाजियाबाद, नोएडा और राजधानी लखनऊ में भी रोगियों की संख्या नित नए आंकड़े छू रही है।

कोरोना की इस लहर में वायरस ने कुछ रूप बदल लिया है। कानपुर के एसीएमओ डॉ. सुबोध के मुताबिक वायरस का डीएनए कुछ बदल गया है। जिसकी वजह से वह एंटीजेन टेस्ट में पकड़ में नहीं आ रहा है। ऐसे तमाम केस शहर में मिले हैं जहां लक्षण नहीं दिखने पर भी आरटीपीसीआर कराए जाने पर कोविड-19 की पुष्टि हो रही है। चाहे वह शहर स्थित आईआईटी का केस हो या फिर बाबूपुरवा का।

मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब के डॉ पीके त्रिपाठी का कहना है कि शहर में कोरोना का कौन से वैरिएंट फैल रहा है उसकी जांच करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग करवानी पड़ेगी। फिलहाल शहर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने बताया कि , शहर में डेल्टा पॉजिटिव के केस इक्का-दुक्का ही निकल रहे है। वह भी बहुत माइल्ड लक्षणों के साथ। अभी तक के परीक्षण में पाया गया है कि वैक्सीनेशन से कोरोना की रफ्तार को थामने में काफी सफलता मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक जो केस मिले हैं, उनमें कोई भी चिंताजनक नहीं मिला है।

हालांकि सभी वायरल इन्फेक्शन के लक्षण शुरुआत में मिलते-जुलते है। बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से भी गला खराब हो रहा है। रोगियों की आवाज में भारीपन आ रहा है।

आईआईटी के जानकारों ने भी चेताया था

आईआईटी कानपुर के सीनियर प्रो मणींद्र अग्रवाल ने भी इसी साल फरवरी के महीने में चेताया था कि अगर थोड़ी सी भी ढिलाई बरती जाएगी तो कोरोना एक बार फिर से तबाही मचा सकता है। यह दूसरी लहर जितना घातक नहीं होगा लेकिन जिस तरह से लोग एकदम से कोरोना को नज़रअंदाज़ कर रहे है उसे देखते हुए थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।