लगुनाहा में पंचमी के अवसर पर में हाथी घोड़ा ऊंट और ढोल नगाड़ा के साथ निकली पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की बारात, 10 हजार से अधिक लोग हुए शामिल

बगहा

Bagaha, JP Srivastava: पश्चिम चंपारण अंतर्गत बगहा -1 प्रखंड के लगुनहा चौतरवा पंचायत स्थित लगुनाहा गांव में विवाह पंचमी के अवसर पर सोमवार को उत्सवी माहौल रहा। जय श्री राम के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। अवसर था पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के विवाह उत्सव का। लगुनाहा गांव स्थित 1008 श्री श्री खाकी बाबा मंदिर में भगवान श्री राम की बारात हाथी घोड़ा ऊंट ढोल ताशा नगाड़ा के साथ धूमधाम से निकली। बारात में लगभग 10 हजार से अधिक महिलाएं व पुरुष बरात के साथ-साथ चैनपुर पतिलार लक्ष्मीपुर रतवल भठहिया समेत लगभग 6 किलोमीटर लंबी यात्रा भ्रमण कर बड़ा लगुनाहा जनकपुर रूपी काली माई स्थान परिसर में पहुंचे। बरात में शामिल लोगों की अगवानी तथा सत्कार स्वागत के लिए गांव गांव के लोग उत्साहित दिखे। फूल मालाओं से बारातियों का भव्य स्वागत किया गया। फल नाश्ता और पेयजल भी उपलब्ध श्रद्धालुओं के द्वारा कराया गया था। तथा भगवान की डोली का कंधा देने के लिए लोग आतुर रहे।

पालकी में भगवान श्री राम की 2 फीट की थी प्रतिमा—पालकी में भगवान श्री राम की लगभग 2 फिट की थी। कंधा लगाने के आतुर लोग एक दूसरे की जगह पा लेने की आतुर रहे। 6 किलोमीटर की लंबी यात्रा के दौरान भगवान की पालकी हर किसी घर की दरवाजे पर पहुंची। महिलाएं फूल मिठाई तथा माता सीता के लिए खोईछा के रूप में घर-घर से अक्षत, मिठाई फूल भी दिया।

लगुनाहा गांव के सभी के दरवाजे बनाई गई थी रंगोली— भगवान श्री राम की बारात की स्वागत में हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं तथा युवतियों के द्वारा रंग बिरंगे रंगोली बनाई गई थी। सभी के दरवाजे पर गाय की गोबर से लिपाई पोताई भी किया गया था। यह गांव इस अवसर खासे साफ सफाई दिख रहा था।

काली माई मंदिर प्रांगण में भगवान श्रीराम की बरात पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने अभूतपूर्व बरात का स्वागत किया। बरात पहुंचने के बाद विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता जानकी के साथ भगवान की विवाह संपन्न कराया।

ज्ञात हो कि काली माई मंदिर में कन्या पूजन करने काफी संख्या में जाती है ताकि विवाह से जुड़ी परेशानियों को माता सीता के द्वारा दूर किया जा सके।

इस अवसर पर खाकी बाबा मंदिर परिसर में आयोजकों द्वारा 14 कन्याओं की सामूहिक विवाह संपन्न कराया। सभी वर वधुओं के लिए उपहार स्वरूप आभूषण, वस्त्र, फर्नीचर, गोदरेज अलमीरा, वर्तन आदि सभी आवश्यकताओं की समान दिया गया। हजारों की संख्या में महिलाएं विवाह की मंगल गीत गा रही थी।