नालंदा: जिलाधिकारी ने की स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा

नालंदा

— हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखने का सिविल सर्जन को निर्देश

Biharsharif/Avinash pandey: प्रभारी जिलाधिकारी -सह- उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा को लेकर हरदेव भवन सभागार में बैठक किया। वर्त्तमान में हीट स्ट्रोक के मामलों को लेकर सदर अस्पताल, सभी अनुमंडल अस्पताल एवं रेफरल अस्पताल में डेडिकेटेड वार्ड तैयार रखने को कहा गया। सिविल सर्जन ने बताया कि हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल में डेडिकेटेड वार्ड बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में पहले मरीज का प्राथमिक उपचार कर स्थिर करने का प्रयास किया जाता है उसके बाद उन्हें वार्ड में स्थानांतरित किया जाता है। जिलाधिकारी ने इमरजेंसी में भी कुछ बेड हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए आरक्षित रखने तथा वहाँ की चिकित्सीय व्यवस्था को सुदृढ़ रखने का निदेश दिया ।

संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में बताया कि अप्रैल माह में 2241 तथा मई माह में 2311 संस्थागत प्रसव सरकारी अस्पतालों में दर्ज किए गए हैं, जो कुल अनुमानित प्रसव का क्रमशः 32 प्रतिशत एवं 33 प्रतिशत है। इसलामपुर, वेन, एकंगरसराय, बिहार शरीफ, हिलसा, थरथरी एवं सिलाव में उपलब्धि जिला के औसत से कम पाया गया। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आशा वार समीक्षा करने का निदेश दिया गया।

सम्पूर्ण टीकाकरण के तहत अनुमानित लक्ष्य के विरुद्ध 9 माह से 11 माह आयुवर्ग के बच्चों का अप्रैल माह में 73.7 प्रतिशत तथा मई माह में 75.3 प्रतिशत सम्पूर्ण टीकाकरण हुआ है। जिलाधिकारी ने इस पर असंतोष व्यक्त किया। नगरनौसा में काफी कम उपलब्धि दर्ज की गई जिसको लेकर प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछा गया।

सम्पूर्ण परिवार नियोजन के तहत 980 के अनुमानित मासिक लक्ष्य के विरुद्ध अप्रैल में 530 तथा मई में 349 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया है। गर्भवती महिलाओं के निबंधन के लिए 7668 के निर्धारित अनुमानित मासिक लक्ष्य के विरुद्ध अप्रैल में 5559 तथा मई में 4275 महिलाओं का निबंधन किया गया है। यह कार्य आशा द्वारा ऑनलाइन किया जा रहा है।

इसके लिए आशा को टेबलेट उपलब्ध कराया गया है। खराब उपलब्धि वाली तथा जो आशा अभी तक सक्रिय नहीं हुई हैं, उन्हें अविलंब सक्रिय कराने का निदेश दिया गया। ऐसी आशा को फिर से आवश्यक प्रशिक्षण देने का निदेश दिया गया। गिरियक,सरमेरा एवं अस्थावां में लक्ष्य के विरुद्ध 90 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाओं का निबंधन किया गया है।

दूसरी तरफ चंडी, नगरनौसा एवं बिहार शरीफ में लक्ष्य के विरुद्ध 50 प्रतिशत से कम गर्भवती महिलाओं का निबंधन किया गया है। इन सभी प्रखण्डों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आशा को आवश्यक प्रशिक्षण देने एवं गहन समीक्षा कर शत प्रतिशत निबंधन सुनिश्चित कराने को कहा गया।

ओपीडी के लिए निर्धारित अनुमानित मासिक लक्ष्य 2.87 लाख मरीज के विरुद्ध अप्रैल माह में लगभग 1.27 लाख एवं मई माह में लगभग 1.26 लाख मरीजों का इलाज किया गया है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी आंकड़ों को भी इसमें शामिल करने का निदेश दिया गया। जख्म प्रतिवेदन के(इंजुरी रिपोर्ट) की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि मई माह में 855 मामलों में से 784 मामलों में इंजुरी रिपोर्ट निर्गत किया गया है।

लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया। ऑनलाइन इंजुरी रिपोर्ट की व्यवस्था के तहत नालंदा जिला में एन-आइरिश एप विकसित किया गया है। इस एप के माध्यम से ऑनलाइन इंजुरी रिपोर्ट निर्गत किया जा रहा है। कुछ प्रखण्डों में ऑनलाइन इंजुरी रिपोर्ट निर्गत नहीं किया जा रहा है। इन सभी एमओआईसी को एप के माध्यम से इंजुरी रिपोर्ट निर्गत करने का निदेश दिया गया।

सभी अस्पतालों में चिकित्सकों के ड्यूटी रोस्टर को दीवाल लेखन/फ्लेक्स के माध्यम से प्रदर्शित करने का निदेश दिया गया। सभी प्रखण्डों में दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाणपत्र निर्गत करने के कार्य में तेजी लाने का निदेश दिया गया। अभी तक शिविर में निबंधित 779 दिव्यांग बच्चों में से 301 बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र हस्तगत कराया गया है।

शेष बच्चों का भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र अविलंब निर्गत करने का निदेश दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, अन्य जिला स्तरीय चिकित्सा पदाधिकारी,जिला स्वास्थ्य प्रबंधक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक, हेल्थ पार्टनर केअर , डब्लूएचओ, यूनिसेफ आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे।