Bihar Politics : कल तक जेडीयू के दुश्मन रहे अनंत सिंह के लिए प्रचार करेंगे नीतीश और लल्लन सिंह!

पटना

-अनंत सिंह का जेडीयू के कई नेताओं से रहा है छत्तीस का रिश्ता

-राजद और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सीट बना हुआ है मोकामा
 

PATNA, SHIVANAND GIRI : राजनीति में न तो कोई किसी का खास दोस्त होता है और ना ही खास दुश्मन। इस बात को चरितार्थ कर दिया है राजद नेता अनंत सिंह ने। कभी नीतीश और लालन सिंह के जानी दुश्मन रहे अनंत सिंह के लिए अब न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि ललन सिंह वोट मांगेंगे। एक समय था जब वे जेडीयू में हुआ करते थे और नीतीश कुमार के खास थे।लेकिन पहली बार जब राजद और जेडीयू मिलकर बिहार की सत्ता संभाली तब बाढ़ में घटी एक घटना को लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव अनंत सिंह पर कार्रवाई के लिए डट गए और अनंत सिंह पर मुकदमा हो गया।

इस बात से सिंह अनंत सिंह काफी नाराज हो गये और जेडीयू में रह कर विरोध शुरू कर दिए ,लिहाजा जेडीयू में वे कइयों के आंखों की किरकिरी हो गए। जेडीयू में अनंत सिंह के विरोध में एक खेमा बन गया ।अनंत सिंह ने पार्टी में रह कर भी अपने उम्मीदवारों को हराने में के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। हालत तो यह था कि अनंत सिंह को पूरी जेडीयू आतंक का पर्याय घोषित कर चुकी थी, लेकिन वहीं अनंत सिंह वे अब नीतीश औऱ उनकी पार्टी को अच्छे लगने लगे हैं।

अनंत सिंह के सजायाफ्ता होने के बाद खाली हुई मोकामा सीट पर हो रहे उप चुनाव में नीतीश कुमार प्रचार करने जायेंगे। राजद ने इस सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट दिया है। नीतीश कुमार मोकामा में सभा कर नीलम देवी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव औऱ पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी सभा में मौजूद रहेंगे। जानकारों के अनुसार नीतीश जान रहे हैं कि अगर उप चुनाव में हारे तो फिर आगे क्या होना है। लिहाजा पुरानी बातों को भूलकर वे मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करने जा रहे हैं। 27 अक्टूबर को वे मोकामा में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मोकामा टाल इलाके के घोसवरी में जनसभा को संबोधित करेंगे, इसमें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम जीतन राम मांझी भी मौजूद रहेंगे।

जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोकामा की सभाओं में अनंत सिंह से अपने पुराने रिश्तों के बारे में क्या चर्चा करते हैं क्योंकि अनंत सिंह औऱ उनके समर्थक लगातार नीतीश सरकार पर ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने का आरोप लगाते रहें हैं। दूसरी ओर, जेडीयू अनंत सिंह को आतंक का पर्याय घोषित कर मोकामा से आतंक राज खत्म करने का एलान करता रहा है। 2020 में अनंत सिंह ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद ये बार-बार कहा था कि तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बनेंगे और नीतीश कुमार अपने घपले-घोटाले के लिए जेल भेजे जायेंगे। सवाल ये है कि नीतीश-तेजस्वी की जनसभा में इन बातों की चर्चा होगी?

वैसे नीतीश घोसवरी के जिल इलाके में जनसभा करने जा रहे हैं वहां धानुक वोटरों की अच्छी तादाद है। धानुक को कुर्मी की उप जाति माना जाता है। लिहाजा नीतीश खास तौर पर वहीं चुनाव प्रचार करने जा रहे है। वैसे अनंत सिंह के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाने वाले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी दो दिनों तक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का चुनाव प्रचार करने का एलान कर चुके हैं। वे सड़क मार्ग से रोड शो करते हुए करीब 100 किलोमीटर की दूरी में जनसंपर्क यात्रा करेंगे। ललन सिंह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और मोकामा विधानसभा क्षेत्र उनके लोकसभा क्षेत्र में ही आता है।  जेडीयू के लल्लन सिंह को हराने के लिए अनंत सिंह ने कोई कसर नहीं छोड़ और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अपनी पत्नी को उम्मीदवार बना दिया।

गौरतलब है कि बिहार में मोकामा के साथ ही गोपालगंज विधानसभा सीट पर उप चुनाव हो रहा है। तीन नवंबर को दोनों सीटों पर वोटिंग होनी है। नीतीश कुमार के पाला बदलकर महागठबंधन में जाने के बाद बिहार में राजनीतिक समीकरण बदला है और बदलें हुए माहौल में नीतीश और तेजस्वी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। बीजेपी भी इन दोनों सीटों को जितने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

बीजेपी को उम्मीद है कि गोपालगंज सीट पर दिवंगत विधायक सुभाष सिंह के निधन से मिलने वाले सहानुभूति वोट के साथ साथ परंपरागत वोटों के सहारे सीट निकलने का भरोसा है जबकि मोकामा सीट पर अनंत सिंह को हराने के लिए मोकामा के बाहुबली ललन सिंह की पत्नी को टिकट देने के बाद जी जान से जुट गई। ऐसे में इन दोनों सीटों के परिणाम से आने वाले दिनों में बिहार में बीजेपी और महागठबंधन का भविष्य तय होगा। अब तो 9 नवंबर को ही यह तय होगा कि मोकामा सीट पर अनंत सिंह का जलवा बरकरार है या नहीं और गोपालगंज सीट बीजेपी सहानुभूति वोटों के बलबूते निकल पाती है या नहीं।