चंपारण : अल्पसंख्यकों के लिए यह सबक सीखने और सिखाने का है समय : मोहिब्बुल हक

मोतिहारी

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। शहर के गांधी कांप्लेक्स स्थित एनडीए मीडिया सेंटर में एनडीए अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रेस वार्ता आयोजित की। प्रेस वार्ता में मोर्चा के भाजपा के प्रदेश महामंत्री मोहिब्बुल हक, जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम, जद यू के राजनीतिक सलाहकार समिति सदस्य वसील अहमद खान शामिल थे।

इस दौरान मोहिब्बुल हक ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का नारा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। यह नारा मात्र नहीं है बल्कि यह आधार है। मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय को भी मिल रहा है। ऐसा नहीं है कि अल्पसंख्यकों को दरकिनार कर किसी समुदाय विशेष को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय और विशेष कर मुस्लिम समुदाय के लिए एक हाथ मे कुरान और एक हाथ मे विज्ञान लेकर आगे बढ़ने की बात कही है, जो समय की मांग भी है। इसका असर यह हुआ कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में अच्छी संख्या में मुसलमान कामयाब हुए।

एनडीए की सरकार में ही मदरसों को 7 वां वेतन का लाभ मिला। उन्होंने कहा कि मुसलमान पहले की अपेक्षा अधिक शिक्षित हुए हैं अब समय आ गया है कि वो जागरूक हो कर सही फैसला करें। जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम ने कहा कि आज सवाल के घेरे में वह पार्टियां हैं जिन्होंने भाजपा का भय दिखाकर अल्पसंख्यकों के शोषण किया है।

खुद को अल्पसंख्यकों के हितैषी कहने ही वाली पार्टियों का चरित्र बेनकाब हो चुका है। अल्पसंख्यक समुदाय के कितने लोगों को टिकट दिया गया है यह सामने है। अल्पसंख्यकों के लिए यह सबक सीखने और सिखाने का समय है। वसील अहमद खान ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मुसलमानों के कल्याण और विकास के जो काम हुए वो ऐतिहासिक हैं।

नीतीश कुमार ने तालीमी मर्कज से जोड़ कर अल्पसंख्यक समुदाय को मजबूत करने का काम किया। बिहार का हज भवन, अंजुमन इस्लामिया का भवन ऐसे बहुत सारे काम हैं जिनका संज्ञान अल्पसंख्यक समाज को लेना चाहिए। एमवाई समीकरण एक छलावा है जिसका इस्तेमाल कर के मुसलमानों को ठगा गया है।

विवादित कब्रिस्तानों की घेराबंदी को सुनिश्चित किया।
नेता त्रय ने एक स्वर में कहा कि इस बार अल्पसंख्यक समुदाय अल्पसंख्यकों को मात्र वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने वालों के गाल पर वोट का जबरदस्त तमांचा रसीद करेगा। एनडीए अबकी बार 400 पार और पूर्वी चंपारण में 4 लाख पार का आंकड़ा निश्चित रूप से हासिल करेगा।