दूसरी सोमवारी को हजारों भक्तों ने युग्म पंचमुखी शिवलिंग पर पवित्र नदियों के जल से किया जलाभिषेक

पश्चिमी चंपारण

विभिन्न प्रदेशों तथा नेपाल राष्ट्र से युग्म पंचमुखी शिवलिंग के जलाभिषेक को पहुंच रहें हैं हजारों की संख्या में शिवभक्त।

सुगौली, मृत्युंजय पाण्डेय। सुगौली क्षेत्र से होकर बहने वाली उत्तरवाहिनी गंड़क नदी के तट पर विराजमान प्राचीन युग्म पंचमुखी शिवलिंग पर सावन की दूसरी सोमवारी को लगभग पचास हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया। सावन की दूसरी सोमवारी को करीब 50,000 लोगों ने मंदिर में पहुंचकर भगवान भूतभावन पर जल अर्पित किया। जल चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं में देश प्रदेश के श्रद्धालुओं के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस प्राचीन पंचमुखी युग्म शिवलिंग पर जल चढ़ाने आते हैं।भिन्न भिन्न वेष भूषा में डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों पर झूमते नाचते शिवभक्त पूरे वातावरण को शिवमय बना रहे हैं।

सोमवार की सुबह से ही विभिन्न जगहों से आये कांवरिया भक्तों की कतारें मंदिर के सामने लगने लगी थी। मंदिर के बगल में स्थित गंड़क नदी से श्रद्धालु जल भर के बाबा भोलेनाथ शंकर के जलाभिषेक के लिए कतारों में खड़े रहे।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर तथा मंदिर से बाहर जरुरी संसाधनों का प्रबंध किया गया है। वहीं श्रधालुओं की सुरक्षा के लिए सोमवार और शुक्रवार को विशेष रूप से स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा व सुविधाओं का प्रबंध किया जाता है।

ब्रिटिश कालीन भारत तथा नेपाल राष्ट्र के बीच हुई संधि का प्रतीक सुगौली नगर पंचायत के धनही स्थित यह ऐतिहासिक संधि स्थल का महत्व विश्व इतिहास के पन्नों में अंकित है।कहा जाता है कि इस विश्व प्रसिद्द युग्म पंचमुखी शिवलिंग शिवालय बेतिया राज के राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। जहां महाराज और महारानी ग्रीष्म काल में निवास करते थे और भगवान शिव की आराधना किया करते थे।