नहीं पूरा हो सका ज्ञानवापी का सर्वे तो संत समाज हो गया नाराज, मस्जिद पैनल भी कोर्ट कमिश्नर से खफा

उत्तर प्रदेश

स्टेट डेस्क/ लखनऊ। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका। इस पर अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जाहिर की है। समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि एक पक्ष का कानून और संविधान पर विश्वास नहीं है।

उधर, ओवैसी के इस प्रकरण में भाजपा को घसीटने पर सांसद हरनाथ ने उन पर राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। वहीं, मस्जिद पैनल ने अदालत में एक आवेदन जमा किया है, जिसमें उनके वकील ने अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त अजय कुमार मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है।

मस्जिद पैनल के आवेदन के बाद अदालत ने मामले को 9 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। उधर सर्वे में बाधा से नाराज जितेंद्रानंद ने कहा कि अदालत ने स्पष्ट रूप से पूरे परिसर का सर्वे कराने को कहा है। कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध जाकर सर्वे न होने देना इसी का उदाहरण हैं। वे बोले सर्वे कब तक रोकेंगे। सर्वे करने वाले रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे। इस पर निर्णय कोर्ट ही को लेना है।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी सभ्य देश और समाज में इस तरह की अराजकता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है। यह सब सुनियोजित षड्यंत्र के तहत किया गया है। इससे पहले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा था कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार नहीं हो रहा है। 1937 में बनारस के तत्कालीन सिविल जज एस बी सिंह ने एक नहीं बल्कि दो बार मस्जिद परिसर और आसपास का निरीक्षण किया था।

इसके पहले कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने शनिवार दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे सर्वे शुरू कराया। मस्जिद की चौहद्दी और बाहरी दीवारों की स्थिति देखी। मस्जिद में प्रवेश करने पहुंचे तो अंदर पहले से मौजूद नमाजियों व विपक्षी अधिवक्ताओं ने रोक दिया। उन्होंने मस्जिद के अंदर प्रवेश का अदालत का आदेश मांगा। कहा कि कोर्ट की कार्यवाही के आदेश में मस्जिद के अंदर प्रवेश का जिक्र नहीं है। बिना आदेश के अंदर नहीं आने दिया जाएगा।

ज्ञानवापी सर्वे मामले में वादी के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि कमीशन की कार्यवाही के आगे विपक्षियों के विरोध के कारण नहीं बढ़ी। शनिवार को पहले से तय समय पर पहुंचने पर नारेबाजी होने लगी और जाने नहीं दिया गया। कोर्ट कमिश्नर ने पुलिस प्रशासन से पूर्ण सहयोग नहीं मिलने की बात कहते हुए कार्रवाई रोक दी। इस बाबत कोर्ट को सोमवार को जानकारी दी जाएगी।

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