थाने के मंदिर गई पीड़िता के रिश्तेदार को पुलिस ने पीटा

उत्तर प्रदेश

खुटार/शाहजहांपुर/चंद्रकांत दीक्षित। एक इधर जहां राज्य का मुखिया पूजा-पाठ पर विशेष आस्थावान है और सरकार मंदिरों को लेकर काफी सजग दिखाई देती है वहीं दूसरी ओर योगी सरकार के पुलिस बल में तैनात एक जिम्मेदार अधिकारी का अमानवीय चेहरा सामने आया है जिसे भी यह जानकारी हुई उसके मन में जिम्मेदार अधिकारी के प्रति घृणा व रोष की भावना उत्पन्न होती नजर आई।

मामला जनपद के थाना खुटार परिसर का है बताते चलें कि विगत दो दिन पूर्व नगर के कोट मोहल्ले के रहने वाले दो पक्षों में मारपीट की घटना प्रकाश में आई थी दोनों पक्षों की तरफ से थाने में सूचनाएं दी गई थी लेकिन पुलिस ने इन घटनाओं पर कोई विशेष रूचि लेना उचित नहीं समझा फल स्वरुप एक रात बीतते ही दूसरे दिन फिर उन्हीं पक्षों के बीच मारपीट हो गई।पुलिस की इसी लापरवाही के चलते कभी-कभी छोटी-छोटी बातों को लेकर नजरअंदाज करना किसी बड़ी घटना को आमंत्रण देना साबित हो जाता है

मारपीट की सूचना पर थाना पुवाया के गांव जड़ौली के रहने वाले दलित रामवीर मारपीट में घायल अपनी बहू को देखने के लिए अपनी पत्नी व पुत्री सहित खुटार आये यहां आने पर उनके संबंधी घर पर न मिलने के कारण वह सीधे थाने पहुंचे थाने पहुंचते ही रामवीर की पुत्री सदमे में आ कर बेहोश हो गई। धार्मिक आस्थाओं को लेकर रामवीर ने अपनी पुत्री को थाना परिसर में बने मंदिर पर मत्था टेकने के लिए लिटा दिया।

आरोप है कि इतना देखते ही थाना प्रभारी आग बबूला हो गए और उन्होंने महिलाओं के साथ गाली-गलौज करते हुए रामवीर की पिटाई कर दी और मंदिर व थाने से भगा दिया। इस घटना की जानकारी होते ही क्षेत्र में थानाध्यक्ष के प्रति रोष की भावना उत्पन्न हो रही है। लोगों का मानना है कि न्याय पाने की आस को लेकर सुरक्षा मंदिर में जाने वाले फरियादियों के साथ क्या ऐसा व्यवहार न्यायोचित है। पीड़ितों ने सीएम पोर्टल के माध्यम से शिकायत कर इस घटना की वैधानिक जांच की मांग की है।